यह घटना उन दिनों की है जब मेरी साली ग्रेजूएशन करने
की जिद कर रही थी, मेरा ससुराल गाँव में है और
वहाँ कोई कॉलेज नहीं है। मेरी मैडम बोली- आप
यहाँ हमारे पास रख कर करा दीजिये, मेरा भी काम
बांट लेगी तो मुझे आराम मिल जायेगा।
तो मैंने कहा- ठीक है, बुला लो, अलग कमरे में रहने
का पूरा इन्तजाम कर देना।
मैडम बोली- ठीक है।
वो हमारे साथ रह कर कॉलेज में पढ़ने लगी।
साली जी देर रात तक पढ़ती, सुबह आराम से उठती।
यह देख मैडम परेशान होकर बोली- कल से हमारे साथ
सोना, साथ जागना, घर का कुछ तो काम कर
लिया करो।
"ठीक है दीदी !"
रात खाना खाने के बाद मैडम फ्रेश होकर नाईटसूट में
बेडरूम में आ गई तो मेरी साली बोली- मैं भी चेन्ज करके
आती हूँ।
उसके जाते ही मैंने मैडम से कहा- फटाफट से एक किस दे
दो।
मेरी बीवी बोली- आपकी साली सो जाय तब हमसे
चिपक लेना !
"ठीक है मेरी जान, जैसी मर्जी आपकी !
इतने में साली साहिबा फैंसी मैक्सी पहन परफ्यूम
लगा कर बेडरूम में आई। उसकी खूबसूरती देख मेरी सांसें कुछ
पल थम गई।
बैड पर मैं बीच में लेटा था, इधर उधर वे दोनों !
साली की मैक्सी का गला बड़ा था जिसमें से
उसकी आकर्षक चूचियों के उभार मेरे मन को कामुक कर रहे
थे। पतली कमर पर डोरी कसी देख मेरा लण्ड फूलकर
चिपचिपा हो रहा था।
खैर गपशप करते सो गए, नीद में करवट ली और कब मैं
अपनी साली से चिपक गया, पता नहीं।
खैर रात में जब मेरी नींद जब
खुली तो देखा कि सालीजी नागिन की तरह मुझसे
चिपकी हुई थी, उसकी चूचियाँ साफ दिख रही थी।
मैंने उसके होंटों को चूमा तो वो जाग गई, बोली-
जीजा जी, दीदी जाग जायेगी, जब वो कल मंदिर
जायेगी, तब !
यह कहकर सालीजी ने मुझे किस किया- अभी सो जाईये !
अगले दिन मैडम रोजाना की तरह मंदिर गई, मेरे इंतजार
की घड़ियाँ खत्म हो चली थी। साली साहिबा चाय-
नाश्ता लाई, चाय मेज पर रखते वक्त
उसकी चूचियाँ बिजली गिरा रही थी। मैं उसे
अपनी बाहों में लेने के लिए उठा तो बोली- जीजाजी,
पहले ब्रेकफास्ट कर लो। मैंने कहा- पहले रोमांस करेंगे,
फिर नाश्ता !
बोली- अच्छा, दोनों एक साथ ! ठीक है ना?
यह कहते हुए वग मेरी बाहों में आ गई, मैंने
उसकी चूचियों को हाथ से दबा कर देखा, चूचियाँ रबड
की गेंद की तरह सख्त थी, मुझ से रुका नहीं जा रहा था,
मेरा लण्ड फूलता गया, ऐसा लग रहा था कि फट जाएगा।
मैंने उसे सोफ़े पर लिटाया और उसके ऊपर लेट गया, बोला-
जान, अब तड़फाना बन्द करो।
साली बोली- तो क्या करें?
मैंने कहा- कपड़े उतार लो !
वो बोली- मुझे शर्म आती है, आप खुद करो !
थोड़ी ही देर में उसने खुद ही अपने कपड़े उतार दिये, मैंने
अपना लण्ड निकाल कर उसके हाथ में पकड़ा दिया।
मेरी साली बोली- कितना मोटा है, कितना गोरा !
मैने कहा- जान इस लण्ड को चूम करके अपनी चूत में धीरे
धीरे डालो।
"ठीक है !" बोली- जीजाजी, पहली बार दर्द बहुत
होगा, धीरे करना।
उसकी चूत गीली थी, मैंने अपना लण्ड
का सुपारा उसकी चूत में डाला और धीरे धीरे हिलाने
लगा।
वह मुस्करा कर बोली- थोड़ा अन्दर करो, बहुत
खुजली हो रही है।
मैंने समझ लिया कि यह पूरा लन्ड खाने का मन
बना चुकी है।
"पहले अपने हाथ मेरे हाथों में दो, फिर मजा लो !"
बोली- बस? मेरी जान लो !
मैंने उसके हाथ पकड़ लिए और मैंने पूरा लण्ड उसकी चूत में
घुसा दिया, चूत का पर्दा फट गया था।
उसे दर्द हुआ पर मैंने उसके दर्द को अनदेखा करके
उसकी चूत को चोदना शुरु कर दिया।कुछ ही देर बाद
साली साहिबा बोली- बहुत मजा आ रहा है,
जल्दी जल्दी करो ना !
इस तरह मैं मौका मिलते ही साली की चुदाई करने लगा।
दो माह बीत गए, अब तो एक दिन भी अलग रहना हम
दोनों को बुरा लगता था।
मैंने साली साहिबा से कहा- तुम्हें अपनी दीदी के सामने
मेरे साथ सेक्स करने में तो कोई परेशानी तो नहीं होगी?
मैंने मैडम से बात कर ली है, उसे कोई परेशानी नहीं। वह
तपाक से बोली- यदि उन्हें नहीं तो हमें भी नहीं ! पर
आप पहले मुझसे करेंगे।
"ठीक है !"
खैर रात हुई, तीनों बिस्तर पर लेट गये, कुछ देर बाद मैंने
साली को चोदना शुरु किया।
तभी मैडम ने अपना हाथ से हमें टटोलना शुरु किया। लण्ड
चूत के अंदर घुसा हुआ मस्त हो रहा था।
मैडम बोली- मैं टार्च की रोशनी से देखूँगी।
मैंने कहा- ठीक है।
मैडम देखते देखते कामुक हो गई, वो मेरे लण्ड और
अपनी बहन की चूत को चाटने लगी।
तभी मेरी साली बोली- इनके अन्दर भी डाल दो ना !
मैंने कहा- एक शर्त पर ! तुम मेरा लण्ड अपने हाथ से
अपनी बहन की चूत में डालोगी।
बोली- जानू, आपको जो अच्छा लगेगा वही आपकी जान
करेगी।
साली साहिबा बोली- दीदी, आओ ना ! देखो,
कितना प्यारा लण्ड है !
मैं अपनी बीवी के ऊपर लेट गया,
साली साहिबा मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी दीदी की चूत
पर रगड़ने लगी।
मैडम बोली- अन्दर घुसाओ ना !
मैंने लण्ड अन्दर घुसाया और मेरी साली अपने हाथों से
कभी मेरे टट्टे, कभी मेरे चूतड़ तो कभी मेरी बीवी के
चूचों को सहला रही थी। इस तरह तीन साल बीत गए।
अब वो कहती है- जीऊँगी तो दीदी-जीजू के साथ !
नहीं तो मर जाऊँगी।
मेरी साली साहिबा अब भी जिद करके हमारे साथ रह
रही है, हर रात मिलन की रात होती है।
ReplyDeleteप्यून ने चोदा मेडम को - हिन्दी सेक्सी कहानीयां
दीदी की चूत कुंवारी थी - चुदाई कहानियां
पायल बहन की सिल तोड़ी- हिन्दी गरम कहानियां
शर्दी की रात में चुद गई भाभी - मस्त कहानियाँ
दोनों बहनों की चूत मालिश कर के चोदी - हिन्दी सेक्स कहानीयां
शिक्षिका की चुत में लंड दिया
बॉस की बीवी को ऑफिस में चोदा
मकानमालिकिन की बेटी को लंड दिया
गर्लफ्रेंड की माँ की चूत में लंड डाला
चाची ने खोला चूत का पिटारा
Hindi Porn Comics